The Basic Principles Of Shiv chaisa

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन Shiv chaisa चहं सोई॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

On Trayodashi (thirteenth day of the darkish and vivid fortnights) a person should really invite a pandit and devotely make offerings to Lord Shiva. Those who quick and pray to Lord Shiva on Trayodashi are often healthier and prosperous.

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

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